फिल्म जगत से राजनीति में कदम रखने वाले शत्रुघ्न ने अरसे पहले बीजेपी से जुड़ गए थे। 2009 और 2014 का चुनाव उन्होंने बिहार में पटना साहिब से जीता। हालांकि बीते कुछ वर्षों से वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की खुलकर आलोचना कर रहे थे, जो बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से उनकी नाराजगी को दर्शाता था। इन सबके बीच पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उन्हें अपना उम्मीदवार भी नहीं बनाया, जिसकी उम्मीद पहले से ही की जा रही थी। अंतत: आज (शनिवार, 6 अप्रैल) उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला मौजूद थे।बीजेपी से पिछले काफी समय से नाराज चल रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने शनिवार को अंतत: कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इस दौरान वह बीजेपी पर जमकर बरसे। उन्होंने पार्टी में वरिष्ठ नेताओं के अपमान का आरोप लगाया और यह भी कहा कि बीजेपी में लोकशाही अब तानाशाही में बदल गई है। इस दौरान उनकी जुबान भी फिसली, जब उन्होंने बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को बीजेपी का प्रदेश प्रभारी बता दिया।कांग्रेस का दामन थामने के बाद शत्रुघ्न वहां अपनी बात रख रहे थे, जब उनकी जुबान फिसल गई। शक्ति सिंह गोहिल (बिहार कांग्रेस प्रभारी) की तारीफ करते हुए शत्रुघ्न ने उन्हें बिहार और गुजरात में बीजेपी की ‘रीढ़’ बताया। हालांकि तुरंत किसी ने उनका ध्यान इस ओर दिलाया कि वह गलत बोल गए हैं और गोहिल बीजेपी के नहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी गलती सुधार करते हुए दिलचस्प अंदाज में अपना बचाव किया।