अखिलेश ने उपचुनाव परिणामों में सपा और रालोद के गठबंधन के प्रत्याशियों को निर्णायक बढ़त मिलने के बाद कहा कि अवाम ने देश को बांटने वाली राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया है.
लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशियों की कामयाबी के लिए जनता तथा सभी सहयोगी दलों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अवाम ने देश को बांटने वाली राजनीति करने वालों को करारा जवाब दिया है. अखिलेश ने उपचुनाव परिणामों में सपा और रालोद के गठबंधन के प्रत्याशियों को निर्णायक बढ़त मिलने के बाद कहा कि उपचुनाव में भाजपा ने कोशिश की कि जमीनी सवालों पर मतदान ना हो. मगर जनता ने गन्ना, गरीबी और रोजगार के सवाल पर भाजपा को जवाब दिया है.
यह भी पढ़ें : कैराना लोकसभा सीट पर BJP हारी, जानें 4 लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों पर क्या रहा हाल
उन्होंने कहा कि गठबंधन की जीत में तमाम सहयोगी दलों का योगदान है. इसके लिए वह उन्हें धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा की इस हार के साथ देश को बांटने वाली राजनीति का खात्मा हो गया है. गठबंधन की यह कामयाबी देश की राजनीति के लिए एक संदेश है. यह किसान, गरीब, मजदूर और सामाजिक न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाने वालों की जीत है. गरीब और जनता को महसूस हो गया है कि केंद्र की भाजपा सरकार के पांच बजट और उत्तर प्रदेश में इसी पार्टी की सरकार के दो बजट ने उन्हें कुछ नहीं दिया है. यह सरकार किसान गरीबों की नहीं बल्कि धोखा देने वालों की है.
यह भी पढ़ें : गोरखपुर, फूलपुर के बाद कैराना में भी पकी संयुक्त विपक्ष की ‘खिचड़ी’, BJP की मुश्किलें बढ़ीं
कैराना और नूरपुर उपचुनाव में बसपा का सहयोग नहीं मिलने के सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा ‘चाहे लोगों ने कुछ भी कहा हो, लेकिन मैं कह सकता हूं कि हमें बसपा का सहयोग मिला है. आम आदमी पार्टी ने भी सहयोग किया. मैं रालोद, बसपा, आप, राकांपा, कांग्रेस, महान दल, निषाद पार्टी और पीस पार्टी का भी धन्यवाद करता हूं.’
यह भी पढ़ें : आज के उपचुनाव से विपक्ष और बीजेपी के लिए हैं ये सबक
इस सवाल पर कि भाजपा ने पूरे देश में हुए उपचुनाव में खराब प्रदर्शन किया है. उत्तर प्रदेश में हुआ गठबंधन अगर कामयाब है तो क्या उसे पूरे देश में किया जाना चाहिये, अखिलेश ने कहा ‘सपा ने तो उन्हीं (भाजपा) का खेल सीखा है. जो खेल वो हमारे लिए खेलते थे.’ उन्होंने कहा ‘जब विकास की बात हो रही थी, तब वो सामाजिक समीकरणों की बात कहते थे. सपा अपने विकास की बात कर रही थी, तब लोग कह रहे थे कि भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग कितनी अच्छी है.